घटना का पूरा विवरण:
IND vs ENG की टेस्ट सीरीज़ का तीसरा मैच लॉर्ड्स में खेला गया जहां इंग्लैंड ने भारत को करारी शिकस्त दी। हार के बाद जब भारतीय ड्रेसिंग रूम की तस्वीरें सामने आईं, तो एक दृश्य ने सबका ध्यान खींच लिया — मोहम्मद सिराज का टूट जाना।
मैच के खत्म होते ही सिराज मैदान पर ही सुबक-सुबक कर रोने लगे। उनके आंसू छिपाए नहीं छुपे और कैमरे ने उन भावुक पलों को रिकॉर्ड कर लिया।
IND vs ENG – वायरल वीडियो में दिखे भावुक सिराज
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रही है, उसमें मोहम्मद सिराज को टीम साथी राहुल द्रविड़ और शार्दुल ठाकुर सांत्वना देते नजर आ रहे हैं। सिराज ज़मीन पर बैठे हुए थे, और किसी बच्चे की तरह रो रहे थे। उन्हें मुश्किल से किसी ने उठाया और अंदर ले गया।
क्यों टूटे सिराज?
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मैच में 1 भी विकेट नहीं मिला।
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इंग्लैंड की बैटिंग के सामने गेंदबाज़ी बेअसर रही।
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टीम को जीत दिलाने की उम्मीद सिराज पर थी।
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सोशल मीडिया पर पहले से आलोचना हो रही थी।
IND vs ENG – सिराज का प्रदर्शन:
इनिंग | ओवर | रन | विकेट |
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1st | 14 | 78 | 0 |
2nd | 10 | 54 | 0 |
सिराज का यह प्रदर्शन उनके मानकों के मुताबिक बेहद कमजोर था। टीम मैनेजमेंट को भी उनसे बड़ी उम्मीदें थीं।
IND vs ENG –लोगों की प्रतिक्रिया:
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“ये देखकर दिल टूट गया, सिराज एक जज़्बाती खिलाड़ी हैं।” — @CricketFan98
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“इतना टैलेंटेड खिलाड़ी और इतनी भावुकता, यही उसे खास बनाता है।” — @TrueBlueIndian
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“सिराज को हौसला देना चाहिए, वो वापसी जरूर करेगा।” — @SupportSiraj
🇮🇳 टीम इंडिया के लिए अलार्म बेल?
भारत के गेंदबाज़ों में सिराज एकमात्र ऐसे गेंदबाज़ हैं जो हर फॉर्मेट में खेल रहे हैं। लेकिन अगर वह मानसिक रूप से टूटते हैं, तो यह टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय बन सकता है।
राहुल द्रविड़ ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“हम अपने खिलाड़ियों के साथ हैं। सिराज हमारे लिए अहम हैं और हमें गर्व है कि वो इस स्तर तक पहुंचे हैं।”
आगे क्या?
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अगला मैच ओवल में खेला जाएगा।
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उम्मीद है कि सिराज वापसी करेंगे और आलोचकों को करारा जवाब देंगे।
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टीम मैनेजमेंट सिराज को मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट से भी सलाह ले सकता है।
निष्कर्ष:
IND vs ENG की ये भिड़ंत न सिर्फ स्कोरबोर्ड पर हुई, बल्कि खिलाड़ियों के दिल और जज़्बातों पर भी असर डाल गई। मोहम्मद सिराज का टूटना हमें याद दिलाता है कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं की लड़ाई भी है। हमें अपने खिलाड़ियों के बुरे वक्त में भी साथ खड़ा रहना चाहिए।