आतंकवाद बंद करो, नहीं तो मदद और संधि रुकेगी।

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www.un.org  आतंकवाद बंद करो यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनावपूर्ण संबंधों की एक बड़ी और निर्णायक झलक है। भारत द्वारा पाकिस्तान को दी गई यह चेतावनी न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत अब अपनी कूटनीति में सख्त और स्पष्ट रुख अपनाने को तैयार है। यह चेतावनी सीधे तौर पर आतंकवाद से जुड़ी है — विशेष रूप से पाकिस्तान की धरती से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों द्वारा भारत में की जाने वाली आतंकी गतिविधियों को लेकर।

पिछले कई वर्षों से भारत यह आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद को “राज्य प्रायोजित” (state-sponsored) तरीके से बढ़ावा देता है। विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान में पनाह मिलती रही है। भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह बात उठाई है कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से अक्सर इसे नकारा गया है या आधे-अधूरे कदम उठाए गए हैं।  आतंकवाद बंद करो www.reuters.com

भारत द्वारा दी गई यह चेतावनी उस समय आई है जब पाकिस्तान आर्थिक रूप से संकट के दौर से गुजर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से उसे वित्तीय सहायता की सख्त जरूरत है। भारत का यह बयान कि IMF को पाकिस्तान को दी जा रही सहायता पर पुनर्विचार करना चाहिए, एक स्पष्ट संकेत है कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है।

इसके साथ ही, भारत ने सिंधु जल संधि को भी “स्थगित” करने की बात कही है। सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, जिसके तहत सिंधु नदी प्रणाली के जल संसाधनों का बंटवारा तय हुआ था। यह संधि अब तक दोनों देशों के बीच एक स्थायी जल समझौते के रूप में बनी रही है, चाहे राजनीतिक संबंध कितने भी तनावपूर्ण क्यों न रहे हों। लेकिन इस बार, भारत ने साफ कर दिया है कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तो यह संधि भी अब ‘अछूती’ नहीं रहेगी। यह एक ऐतिहासिक मोड़ हो सकता है क्योंकि इससे पाकिस्तान की जल जरूरतों पर सीधा असर पड़ सकता है।  आतंकवाद बंद करो

यह कदम भारत की विदेश नीति में आए उस बदलाव को दर्शाता है जिसमें अब केवल संयम नहीं बल्कि जवाबदेही की मांग भी शामिल है। भारत अब न केवल सैन्य कार्रवाई के माध्यम से बल्कि कूटनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक उपायों से भी पाकिस्तान पर दबाव बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। www.pib.gov.in 

आतंकवाद बंद करो यह चेतावनी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक संदेश है कि भारत अब किसी भी प्रकार के आतंकवाद को सहन नहीं करेगा, और जो भी देश आतंकवाद को समर्थन या शरण देते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह बात IMF, संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाओं के लिए भी विचार करने योग्य है कि वे अपने फैसलों में आतंकवाद से जुड़ी जिम्मेदारी को भी शामिल करें। आतंकवाद बंद करो

यह कदम घरेलू राजनीति के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। भारत सरकार इस सख्त रुख के जरिए अपने नागरिकों को यह दिखा रही है कि वह देश की सुरक्षा और सम्मान के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। यह रुख उन लोगों के लिए भी एक सन्देश है जो यह मानते थे कि भारत केवल कूटनीतिक भाषा में बात करता है लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं करता। आतंकवाद बंद करो www.bbc.com

संक्षेप में, भारत की यह चेतावनी एक निर्णायक मोड़ को दर्शाती है। यह केवल पाकिस्तान को दी गई चेतावनी नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक संदेश है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब गंभीर मोड़ पर पहुंच चुकी है। अगर पाकिस्तान इस चेतावनी को नजरअंदाज करता है, तो उसे आर्थिक, सामाजिक और भौगोलिक स्तर पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। दूसरी ओर, यदि वह इस चेतावनी को गंभीरता से लेकर आतंकवाद पर सख्ती से कार्रवाई करता है, तो यह न केवल दक्षिण एशिया में स्थिरता लाने में मदद करेगा, बल्कि पाकिस्तान की वैश्विक छवि को भी सुधार सकता है। आतंकवाद बंद करो https://www.bbc.com/news/world-asia-india-12345678

भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कदमों से जवाब दिया जाएगा — और यह चेतावनी उसी दिशा में एक बड़ा संकेत है।  आतंकवाद बंद करो www.thehindu.com

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