जयपुर एयरपोर्ट पर फ्लाइट में तकनीकी खराबी, टेकऑफ से पहले रद्द की गई उड़ान
60 यात्रियों की जान बची, बड़ी दुर्घटना टली
जयपुर, 27 जून 2025:
जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आज उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक घरेलू उड़ान टेकऑफ की तैयारी में थी और तभी उसमें गंभीर तकनीकी खराबी सामने आई। फ्लाइट में कुल 60 यात्री सवार थे जिन्हें तत्काल विमान से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
एयरलाइंस अधिकारियों ने तकनीकी टीम को बुलाकर तत्काल जांच शुरू करवाई, और उड़ान को रद्द (Cancelled) कर दिया गया।
क्या हुआ था टेकऑफ से पहले?
फ्लाइट टेकऑफ की प्रक्रिया में ही थी कि पायलट को कंट्रोल पैनल पर कुछ संकेत मिले। अलार्म बजने के साथ ही इंजन में असमान आवाजें सुनाई दी गईं। पायलट ने तत्परता दिखाते हुए टेकऑफ को अबॉर्ट कर दिया और विमान को टैक्सीवे पर रोक दिया।
सूत्रों के अनुसार, यह तकनीकी खराबी मेजर कैटेगरी की थी, जो अगर टेकऑफ के बाद सामने आती तो किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती थी।
पायलट की सूझबूझ से बची जानें
पायलट की सतर्कता और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की तेजी से स्थिति को समय रहते संभाल लिया गया। फ्लाइट स्टाफ ने 60 यात्रियों को धीरे-धीरे विमान से उतार कर सुरक्षित टर्मिनल में पहुंचाया।
DGCA ने शुरू की जांच
DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। एयरलाइंस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
“यात्री सुरक्षा सर्वोपरि है। जांच में तकनीकी टीम की भूमिका और मेंटेनेंस रिकॉर्ड की गहन समीक्षा होगी।” — DGCA अधिकारी
कौन सी फ्लाइट थी?
हालांकि एयरलाइंस ने फ्लाइट का नाम सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह जयपुर से दिल्ली जाने वाली एक घरेलू फ्लाइट थी। कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर बताया कि यह संभवतः स्पाइसजेट या इंडिगो की उड़ान थी।
यात्रियों का अनुभव
यात्रियों के अनुसार फ्लाइट में बैठने के 10 मिनट बाद ही कंपन और जलने की गंध महसूस हुई।
यात्री मीनाक्षी शर्मा ने बताया:
“पहले लगा सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन फिर स्टाफ ने बताया कि तकनीकी समस्या आई है और सभी को विमान से उतारना होगा। हमने राहत की सांस ली कि ये सब उड़ान भरने से पहले हुआ।”
एयरलाइंस का बयान
फ्लाइट ऑपरेटर ने बयान जारी कर कहा:
“हमारी तकनीकी टीम ने रूटीन चेकअप के दौरान समस्या को पहचाना और उड़ान को रद्द करना सुरक्षा के हित में जरूरी था। हम यात्रियों की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखते हैं।”
यात्रियों को किया गया रीबुक
एयरलाइंस ने यात्रियों को या तो अगली उपलब्ध फ्लाइट में शिफ्ट किया या फिर पूरा रिफंड ऑफर किया। कई यात्रियों को होटल में ठहराया गया है।
बार-बार सामने आ रही हैं तकनीकी खराबियां
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर क्यों भारत में बार-बार फ्लाइट्स में तकनीकी खराबियां सामने आ रही हैं?
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क्या एयरलाइंस मेंटेनेंस में कोताही कर रही हैं?
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क्या DGCA के निरीक्षण पर्याप्त हैं?
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क्या पायलट्स और स्टाफ पर अतिरिक्त दबाव डाला जा रहा है?
हाल ही की कुछ घटनाएं:
तिथि | स्थान | समस्या |
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जून 2025 | दिल्ली | इंडिगो में हाइड्रोलिक फेल |
मई 2025 | मुंबई | टेकऑफ से पहले इंजन ओवरहीट |
अप्रैल 2025 | कोलकाता | टेक्निकल अलार्म से उड़ान कैंसिल |
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि:
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भारत में एयर ट्रैफिक तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन तकनीकी और सुरक्षा संसाधन उस रफ्तार से नहीं बढ़ रहे।
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“जयपुर फ्लाइट तकनीकी खराबी” जैसी घटनाएं तभी रुकेंगी जब DGCA और एयरलाइंस मिलकर सख्त निरीक्षण और जांच सुनिश्चित करें।
निष्कर्ष:
जयपुर फ्लाइट तकनीकी खराबी की यह घटना एक गंभीर चेतावनी है। शुक्र है कि India में एविएशन सेक्टर के प्रोफेशनल्स की तत्परता से किसी भी तरह की जानमाल की हानि नहीं हुई। मगर सवाल यही है:
अगली बार अगर टेकऑफ हो चुका हो, तो क्या हालात इतने काबू में होते?
India को अगर वैश्विक एविएशन पावर बनना है तो यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी — न केवल दस्तावेज़ों में, बल्कि असल संचालन में भी।