प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र को संबोधन: एक प्रेरणादायक संदेश
सोमवार शाम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को संबोधित करते हुए देशवासियों को एकजुटता, आत्मनिर्भरता और सुरक्षा के महत्व पर बल दिया। इस संबोधन में उन्होंने न केवल भारत की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन किया, बल्कि भविष्य के लिए एक स्पष्ट दिशा भी प्रस्तुत की।
1. जवानों और नागरिकों को सलामी
प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले देश के जवानों और नागरिकों को सलामी दी। उन्होंने कहा, “मैं आज मेरे देश के सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं।” उनके अनुसार, सेना के जवान मौत को मुट्ठी में लेकर चलते हैं और देश की रक्षा के लिए हर पल तैयार रहते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 75 वर्षों के बाद, पहली बार लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने का कार्य मेड इन इंडिया तोप ने किया, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। (
2. आत्मनिर्भर भारत: सरकारी एजेंडा नहीं, जन आंदोलन
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह समाज का एक जन आंदोलन है। उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भर भारत यह हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है।” यह संदेश देशवासियों को अपने प्रयासों में एकजुट होने की प्रेरणा देता है।
3. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे व्यापक हो गए हैं और युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं। इसलिए, हमें अपनी रक्षा नीति और रणनीति को भविष्य के खतरों के अनुसार तैयार करना होगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि रक्षा के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं।
4. नागरिक कर्तव्यों का महत्व
प्रधानमंत्री ने नागरिक कर्तव्यों की महत्वपूर्णता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “चाहे पुलिस हो, या पीपुल हो, शासक हो या प्रशासक हो, यह नागरिक कर्तव्य से कोई अछूता नहीं हो सकता।” उनके अनुसार, हर नागरिक को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए ताकि राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित हो सके।
5. युवा पीढ़ी और खेलों में भारत की सफलता
प्रधानमंत्री मोदी ने खेलों में भारत की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि अब खेल के मैदानों में तिरंगा लहरा रहा है। उन्होंने कहा, “जब पारदर्शिता आई, योग्यता के आधार पर खिलाड़ियों का चयन होने लगा तो आज दुनिया भर में खेल के मैदान में भारत का तिरंगा लहराता है।” यह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन राष्ट्र के प्रति समर्पण, आत्मनिर्भरता और सुरक्षा के महत्व को उजागर करता है। उन्होंने नागरिकों से अपने कर्तव्यों का पालन करने और राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने की अपील की। यह संबोधन एक प्रेरणादायक संदेश है जो देशवासियों को एकजुट होकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।