मुंबई अटैक एक बार फिर सुर्खियों में तहव्वुर राणा
2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड माने जाने वाले तहव्वुर हुसैन राणा को दिल्ली की एक अदालत से महत्वपूर्ण राहत मिली है। अदालत ने उसे अपने परिवार से बातचीत करने की इजाजत दे दी है। यह आदेश उस समय आया है जब राणा का अमेरिका प्रत्यर्पण का मामला भारतीय न्यायपालिका में लंबित है।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा एक कनाडाई नागरिक है, जो पाकिस्तान में पैदा हुआ था और बाद में अमेरिका में आकर बसा। वह पूर्व सैन्य अधिकारी रह चुका है और अमेरिका में इमीग्रेशन सर्विस चलाता था। राणा का नाम उस समय सुर्खियों में आया जब 26/11 मुंबई हमलों में उसकी भूमिका को लेकर आरोप लगे।
अमेरिका की जांच एजेंसी FBI के अनुसार, तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और डेविड कोलमैन हेडली की गतिविधियों में सहायता प्रदान की थी, जिनकी वजह से भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में 173 लोग मारे गए थे।
क्या है ताजा अपडेट-मुंबई अटैक?
✅ कोर्ट का आदेश
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया कि तहव्वुर राणा को प्रति सप्ताह एक बार अपने परिवार से बातचीत करने की अनुमति दी जाएगी। कोर्ट ने यह फैसला मानवाधिकारों और उसके मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया।
राणा के वकीलों ने दलील दी कि लंबी अवधि की कैद और अलगाव ने राणा की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाला है और उसे अपने परिवार से संवाद की अनुमति मिलनी चाहिए।
प्रत्यर्पण की प्रक्रिया कहाँ तक पहुँची?
अमेरिका सरकार ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग की थी ताकि उसे अमेरिकी अदालत में दोबारा आतंकवाद से जुड़े मामलों में मुकदमा चलाया जा सके।
भारत सरकार ने भी अमेरिका से अनुरोध किया है कि उसे मुंबई अटैक केस में अभियोजन के लिए भारत भेजा जाए। हालांकि, अमेरिका की एक अदालत ने 2020 में राणा की रिहाई के बाद फिर से उसे प्रत्यर्पण प्रक्रिया के तहत हिरासत में लेने की अनुमति दी थी।
अदालत में वकीलों की दलीलें
राणा के वकील ने अदालत में कहा कि –
“राणा कोई खतरा नहीं है। वह एक वृद्ध नागरिक है और उसे अपने परिवार से बातचीत करने का मूल अधिकार मिलना चाहिए।”
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया कि राणा को हफ्ते में एक बार वीडियो कॉल या फोन कॉल के माध्यम से अपने परिवार से संवाद की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कि वह अदालत के दिशा-निर्देशों का पालन करता रहे।
भारत की ओर से चिंता
भारतीय जांच एजेंसियों का मानना है कि तहव्वुर राणा की भूमिका केवल लॉजिस्टिक सहयोग तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह हमलों की पूर्व योजना और समर्थन में भी शामिल था।
भारत सरकार ने बार-बार कहा है कि राणा को भारत लाकर ही मुंबई हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सकता है।
वर्तमान में कहां है तहव्वुर राणा?
वर्तमान में तहव्वुर राणा दिल्ली की जेल में बंद है और उस पर दोहरी प्रत्यर्पण प्रक्रिया चल रही है—एक भारत की ओर से और दूसरी अमेरिका की ओर से।
हालांकि भारत में मामला अभी लंबित है, लेकिन यह राहत उसके लिए एक मानवीय फैसला माना जा रहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों और राजनेताओं ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि: “एक आतंकी सहयोगी को कोई भी मानवीय राहत नहीं मिलनी चाहिए जब तक वह न्यायिक जांच से पूरी तरह नहीं गुजरता।”
वहीं दूसरी ओर, कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि: “कोर्ट का यह आदेश दिखाता है कि भारत की न्यायपालिका अंतरराष्ट्रीय मानकों और मानवता का सम्मान करती है।”
मुंबई अटैक की पृष्ठभूमि
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्री मार्ग से भारत आए और मुंबई के ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस जैसे स्थानों पर हमला कर दिया।
इस हमले में 173 लोग मारे गए, जिनमें 26 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। भारत की खुफिया एजेंसियों ने डेविड हेडली की गिरफ्तारी के बाद तहव्वुर राणा की भूमिका को उजागर किया।
हेडली और राणा का कनेक्शन
डेविड हेडली और तहव्वुर राणा बचपन के दोस्त रहे हैं और दोनों ने मिलकर मुंबई हमले की तैयारियों में मदद की थी। राणा ने हेडली के लिए फर्जी बिज़नेस विजा और दस्तावेज़ उपलब्ध करवाए ताकि वह भारत में घुसपैठ कर सके।
हेडली ने अपनी गवाही में बताया कि राणा को हमलों की योजना की जानकारी थी और उसने लश्कर की गतिविधियों का समर्थन किया था।
निष्कर्ष: आगे मुंबई अटैक हमले का क्या होगा?
अब जब तहव्वुर राणा को परिवार से बातचीत की इजाजत मिल गई है, अदालत में उसके प्रत्यर्पण को लेकर होने वाली सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।
मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को दिल्ली कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब वह परिवार से बातचीत कर सकेगा। इस फैसले से उसकी जेल में सुरक्षा और मानवीय अधिकारों को ध्यान में रखा गया है। मामले की आगे की सुनवाई जारी रहेगी।
क्या भारत उसे मुंबई अटैक हमलों में अभियुक्त बना पाएगा? या अमेरिका उसे अपने यहां ले जाकर दोबारा ट्रायल करेगा?
फिलहाल, तहव्वुर राणा को एक सीमित मानवीय राहत तो मिल गई है, लेकिन उसके आतंकवादी संबंधों को लेकर सख्ती से पूछताछ और न्यायिक कार्रवाई अभी भी जारी है।
📢 अंतिम टिप्पणी: मुंबई अटैक
भारत के लिए यह मुंबई अटैक केस न केवल एक न्यायिक चुनौती है, बल्कि यह एक सुरक्षा, रणनीति और कूटनीति से जुड़ा मुद्दा भी बन चुका है। तहव्वुर राणा जैसे अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाना भारत के कानून और व्यवस्था के प्रति विश्वास को और मजबूत करेगा।