“पूर्वोत्तर भारत की शानदार तरक्की: बना नया व्यापार द्वार”
पूर्वोत्तर अब तरक्की का दरवाजा, बल्कि विकास और व्यापार का केंद्र: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘Rising Northeast Summit’ का उद्घाटन करते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा की कि पूर्वोत्तर भारत अब केवल भौगोलिक सीमांत नहीं रहा, बल्कि यह क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास और अंतरराष्ट्रीय व्यापार का नया केंद्र बन चुका है। उन्होंने इसे दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार के लिए “भारत का प्रवेश द्वार” (Gateway to Southeast Asia) बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का पूर्वोत्तर, कल के पूर्वोत्तर से बिल्कुल अलग है। पहले यह क्षेत्र उपेक्षित और असुविधाजनक समझा जाता था, लेकिन आज यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, ऊर्जा और व्यापार सभी क्षेत्रों में तेज़ प्रगति हो रही है। यह क्षेत्र अब आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम बन गया है।
पूर्वोत्तर भारत तेजी से विकास कर रहा है और व्यापार में आगे बढ़ रहा है। : विकास का अगुवा
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि भारत की ‘Act East Policy’ में पूर्वोत्तर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह नीति ASEAN देशों के साथ भारत के राजनीतिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम करती है, और पूर्वोत्तर भारत इसका प्रमुख केंद्र है।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देशों के साथ बेहतर कनेक्टिविटी और व्यापार के लिए पूर्वोत्तर एक प्राकृतिक और रणनीतिक विकल्प है। इसके लिए केंद्र सरकार ने हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट और डिजिटल कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया है।
ऊर्जा और उद्योगों में अपार संभावनाएं
पूर्वोत्तर भारत प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। यहां जलविद्युत (Hydropower), तेल, गैस, और जैव विविधता के क्षेत्र में निवेश के लिए अपार अवसर हैं। मोदी ने कहा कि सरकार यहां हरित ऊर्जा (Green Energy) के प्रोजेक्ट्स पर कार्य कर रही है, जिससे यह क्षेत्र
“पूर्वोत्तर भारत की शानदार तरक्की: बना नया व्यापार द्वार”
इसके साथ-साथ हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, ऑर्गेनिक फार्मिंग, और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में भी व्यापक संभावनाएं हैं। स्थानीय युवाओं को स्टार्टअप्स और स्वरोज़गार के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जा सके।
स्थानीय संस्कृति और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मोदी ने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर की समृद्ध संस्कृति, लोक परंपराएं, और प्राकृतिक सुंदरता इसे पर्यटन के लिहाज से बेहद आकर्षक बनाते हैं। सरकार यहां इको-टूरिज्म, ट्राइबल टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने पर कार्य कर रही है। इससे न केवल स्थानीय रोज़गार में वृद्धि होगी, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक पहचान भी मिलेगी। पूर्वोत्तर अब तरक्की का दरवाजा
रक्षा और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण
पूर्वोत्तर भारत की सीमाएं चीन, म्यांमार और बांग्लादेश से मिलती हैं, ऐसे में यह क्षेत्र भारत की सामरिक सुरक्षा के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार यहां बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है ताकि किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला किया जा सके और साथ ही सीमा पार व्यापार को सुगम बनाया जा सके।पूर्वोत्तर भारत तेजी से विकास कर रहा है और व्यापार में आगे बढ़ रहा है।

निष्कर्ष: नया भारत, नया पूर्वोत्तर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह घोषणा न केवल पूर्वोत्तर भारत के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। अब यह क्षेत्र सीमांत नहीं, बल्कि केंद्र बन चुका है — एक ऐसा केंद्र जो विकास, व्यापार, सुरक्षा और समृद्धि का मार्गदर्शक है।
भारत का भविष्य अब केवल महानगरों में नहीं, बल्कि ऐसे रणनीतिक क्षेत्रों में बसता है, जो दुनिया से सीधा जुड़ने की ताकत रखते हैं। पूर्वोत्तर अब तरक्की का दरवाजा, अपने नए स्वरूप में, भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में एक मजबूत कड़ी साबित हो रहा है।
“पूर्वोत्तर भारत की शानदार तरक्की: बना नया व्यापार द्वार”