पहलगाम आतंकी हमले का वीडियो सामने आया है जिसमें आतंकी पर्यटकों पर गोली से मारते हुए दिखाई दे रहा है
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम स्थित बैसारन घाटी में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें कम से कम 28 पर्यटकों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हुए। यह हमला हाल के वर्षों में कश्मीर में नागरिकों पर सबसे घातक माना जा रहा है
हमले का विवरण
दोपहर करीब 2:50 बजे, 4 से 7 आतंकवादी सैन्य वर्दी में M4 कार्बाइन और AK-47 जैसे हथियारों से लैस होकर बैसारन घाटी में पहुंचे। उन्होंने पर्यटकों से उनके नाम और धर्म पूछे, कुछ को कलमा पढ़ने के लिए कहा, और फिर गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में अधिकांश पीड़ित पुरुष थे, जबकि कुछ महिलाओं को यह कहकर छोड़ दिया गया कि वे इस भयावहता की कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाएं
एक स्थानीय कश्मीरी शिया मुस्लिम, सैयद आदिल हुसैन शाह, ने पर्यटकों की रक्षा करने का प्रयास किया और हमलावरों से भिड़ गए, लेकिन इस प्रयास में उनकी जान चली गई। स्थानीय पोनी-हैंडलर्स ने लगभग 11 घायल पर्यटकों को बचाया और उन्हें अस्पताल पहुंचाया ।Wikipedia
जिम्मेदारी और जांच
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने ली है। सुरक्षा एजेंसियों ने तीन संदिग्ध आतंकवादियों—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा—के स्केच जारी किए हैं। हमलावरों की संख्या 5 से 6 बताई जा रही है, और वे हमले के बाद पास के घने जंगलों में फरार हो गए ।
सरकारी प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और न्याय का वादा किया। भारत ने पाकिस्तान पर इस हमले में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप भारत ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों को कम किया, एक प्रमुख भूमि सीमा को बंद किया, और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया ।
अमेरिका, ब्रिटेन और रूस सहित कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने इस हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की ।
पर्यटन पर प्रभाव
यह हमला कश्मीर में पर्यटन पर एक बड़ा झटका है, जो हाल के वर्षों में बढ़ रहा था। हमले के बाद, पर्यटकों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दीं, और एयरलाइनों को अतिरिक्त उड़ानें संचालित करनी पड़ीं ताकि पर्यटकों को सुरक्षित निकाला जा सके ।
निष्कर्ष
यह हमला न केवल निर्दोष पर्यटकों की जान लेने वाला एक क्रूर कृत्य था, बल्कि यह कश्मीर में शांति और स्थिरता की दिशा में किए गए प्रयासों को भी प्रभावित करता है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां हमलावरों की तलाश में जुटी हैं, और पूरे देश में इस हमले के खिलाफ गहरा आक्रोश है।