“जनता को गुमराह करना महापाप है” — इस संदेश के माध्यम से यह इमेज धार्मिक गुरु अनिरुद्धाचार्य जी की शिक्षाओं पर प्रश्न उठाते हुए, संत रामपाल जी के अनुसार सच्चे ज्ञान की ओर ध्यान दिलाती है। इसमें बताया गया है कि दुख गीता, वेद और संतों के अनुसार अज्ञानता का परिणाम है, न कि ‘लीला’। परमात्मा की वाणी के अनुसार, सच्चे गुरु के मिलने से ही जीवन के सभी दुखों का अंत संभव है।
इस इमेज का विषय धार्मिक बहस और आध्यात्मिक विचारधारा में मतभेद पर आधारित है। इसमें दो प्रमुख आध्यात्मिक व्यक्तित्वों (अनिरुद्धाचार्य जी और संत रामपाल जी) के विचारों की तुलना की गई है और जनता को गुमराह करने के विषय में चेतावनी दी गई है।
