इजराइल-ईरान युद्ध विराम पर विपत्ति…
📅 तारीख: 24 जून 2025
📝 रिपोर्ट: 2KNEWS
मध्य पूर्व में एक बार फिर तनाव चरम पर है। इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष के बीच एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। इजराइली सेना द्वारा किए गए एक लक्षित हमले में ईरान के एक प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक की मौत हो गई है। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब दोनों देशों के बीच एक अस्थायी युद्धविराम लागू होने की घोषणा की गई थी। इस घटना ने न केवल कूटनीतिक स्तर पर बल्कि क्षेत्रीय शांति के प्रयासों को भी झकझोर कर रख दिया है।
हमला कैसे हुआ?
स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इजराइली वायुसेना ने सोमवार रात को तेहरान के पास स्थित एक वैज्ञानिक परिसर को निशाना बनाकर हमला किया। हमले में ईरान के वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक, डॉ. सईद कमाल, मारे गए। डॉ. कमाल को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था।
बताया जा रहा है कि यह हमला ड्रोन और मिसाइलों के माध्यम से अंजाम दिया गया, जो काफी सटीक और गुप्त तरीके से किया गया था। ड्रोन के हमले से इमारत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसके मलबे में वैज्ञानिक की मौत हो गई।
हमले के बाद का दृश्य
हमले के बाद की तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इनमें देखा जा सकता है कि इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है, दीवारों में छेद हैं और चारों ओर मलबा बिखरा पड़ा है। घटनास्थल पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। स्थानीय नागरिकों में दहशत का माहौल है और इलाके को सील कर दिया गया है।
एक इजराइली पुलिसकर्मी की तस्वीर भी सामने आई है, जो घटनास्थल पर गश्त करता हुआ नजर आ रहा है। यह दृश्य युद्ध की भयावहता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने इस हमले की तीव्र निंदा की है और इसे एक “युद्धविराम का उल्लंघन” और “खुलेआम युद्ध अपराध” बताया है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा:
“इजराइल ने शांति के प्रयासों पर हमला किया है। इस तरह की कार्रवाइयाँ हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही हैं। इसका परिणाम उन्हें भुगतना होगा।”
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से इस घटना की कड़ी निंदा करने की अपील की है। साथ ही अपने जवाबी कदमों की भी चेतावनी दी है।
इजराइल की चुप्पी और संकेत
इजराइली सरकार ने इस ऑपरेशन पर अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सेना के गुप्त सूत्रों ने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत की गई रणनीतिक कार्रवाई” बताया है।
इजराइली मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि डॉ. कमाल की गतिविधियों पर इजराइल पिछले कई महीनों से नजर रखे हुए था और उन्हें “उच्च खतरे वाली सूची” में रखा गया था।
युद्धविराम का क्या होगा?
यह हमला उस समय हुआ है जब दोनों देशों के बीच एक अस्थायी युद्धविराम लागू किया गया था। इस युद्धविराम की मध्यस्थता संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने की थी। युद्धविराम का उद्देश्य था—सीमाओं पर संघर्ष विराम, नागरिक सुरक्षा की गारंटी और राजनयिक वार्ता की बहाली।
लेकिन अब इस हमले के बाद युद्धविराम का भविष्य संदिग्ध हो गया है। ईरान ने साफ किया है कि वह अब “किसी भी एकतरफा शांति प्रस्ताव” पर विचार नहीं करेगा जब तक इजराइल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती।
- अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गई है। कई देशों और संगठनों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है:
संयुक्त राष्ट्र: महासचिव ने इस हमले की जांच की मांग की है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
अमेरिका: वाइट हाउस ने कहा है कि वह स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है।
रूस और चीन: दोनों देशों ने इस घटना की निंदा की है और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया है।
परमाणु संकट की आशंका
डॉ. कमाल की मौत के साथ ही एक बार फिर यह सवाल उठ रहा है कि क्या ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर खतरा मंडरा रहा है? डॉ. कमाल को उन्नत यूरेनियम संवर्धन तकनीक का विशेषज्ञ माना जाता था और उनकी निगरानी में कई संवेदनशील प्रयोगशालाएं चल रही थीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस हत्या से ईरान की वैज्ञानिक गतिविधियों पर असर पड़ सकता है, लेकिन यह परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह रोक नहीं सकता।